मीत तुम्हारे गीत दिलों में प्रीत जगाते हैं। जीवन के अंधियारे पथ पर दीप जलाते हैं।। 🎶 कैसे स्वागत करूं तुम्हारा कैसे भोग लगाऊँ, रूप ना तेरा, रंग ना तेरा चन्दन कहाँ लगाऊँ, सुना है तेरे चरणों में जो, अहम् चढ़ाते हैं। जीवन के अंधियारे, पथ पर दीप जलाते हैं। 🎶 जले दीप तो अंधियारों की, बस्ती मिट जाती है। वैर विरोध व नफरत वाली, हस्ती मिट जाती है। कदम कदम जो बढ़ते पथ पर, मंजिल को पाते हैं। जीवन के अंधियारे, पथ पर दीप जलाते हैं।। 🎶 अन्तर्मन में ज्ञान की गंगा, जिस पल बह जाती है। मन की सारी वैर ईर्ष्या, उसमें रह जाती है। सिमरन को जो जीवन का, संगीत बनाते हैं। जीवन के अंधियारे, पथ पर दीप जलाते हैं।। 🎶 नन्हा दीप जलाने वाले, तारे बनकर छा जाते हैं, हर कड़वाहट पी जाते हैं, 🎶 हर इक ग़म को खा जाते हैं। पतझड़ में भी जो बसन्त का गीत सुनाते हैं। जीवन के अंधियारे पथ पर दीप जलाते हैं।। 🎶🎶 New Nirankari Poem ✍️ by, Utkarsh... Please watch full video.. 🌹Dhan nirankar ji 🙏 Please Like Share and Subscribe, 💗💖💝 You Can Watch LIVE Samagam Here👇 bit.ly/73rdSantSamagam Subscribe channel 👇👇 bit.ly/TuhinirankarYT Visit Our Official Website & Subscribe for Letest Nirankari Updates..👇👇 bit.ly/TuhinirankarOfficial Follow On Instagram 👇👇 bit.ly/Tuhinirankar-Instagram plz Follow On Twitter👇👇 bit.ly/Tuhinirankar-Twitter #Tu_hi_nirankar.